रायपुर : प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से रोशन हुआ जीवन कमलेश ठाकुर हुआ आत्म निर्भर

रायपुर, 28 जून 2025
बालोद जिले के डौण्डीलोहारा विकासखण्ड के ग्राम भरदा निवासी श्री कमलेश कुमार ठाकुर के लिए केंद्र सरकार की ’’पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’’ किसी वरदान से कम नहीं है। इस योजना ने न केवल उनकी बिजली की समस्या को हल किया, बल्कि पर्यावरण-अनुकूल सौर ऊर्जा के माध्यम से उनके जीवन को नई रोशनी प्रदान की है।
कमलेश ठाकुर ने बताया कि उनका घर गाँव से कुछ दूरी पर स्थित है, जिसके कारण उनके घर में बिजली की आपूर्ति में हमेशा समस्याएँ बनी रहती थीं। बिजली की अनियमितता उनके दैनिक जीवन को प्रभावित करती थी। जब उन्हें पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत ऑनलाइन आवेदन किया। उनकी त्वरित कार्रवाई का परिणाम यह हुआ कि छह महीने पहले उनके घर में 03 किलोवाट का सोलर सिस्टम स्थापित कर दिया गया। इस सोलर सिस्टम ने कमलेश के घर की बिजली की समस्या को पूरी तरह समाप्त कर दिया है। वे बताते हैं कि सोलर पैनल से इतना अधिक बिजली उत्पादन हो रहा है कि उनकी खपत के बाद भी बिजली बिल शून्य हो गया है। इससे न केवल उनकी आर्थिक बचत हुई है, बल्कि उन्हें बिजली की उपलब्धता के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। कमलेश ने इस योजना को हर व्यक्ति के लिए लाभकारी बताते हुए कहा कि यह योजना बहुत अच्छी है। सौर ऊर्जा प्रकृति और पर्यावरण के लिए सुरक्षित है। इससे बिजली उत्पादन में पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता। हर किसी को इस योजना का लाभ उठाना चाहिए।
कमलेश और उनका परिवार ’’पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’’ के तहत सोलर पैनल की स्थापना से बेहद खुश है। वे इसे अपने जीवन में एक बड़े बदलाव के रूप में देखते हैं। इस योजना के सुचारू संचालन और उनके जीवन में आए सकारात्मक बदलाव के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रति हृदय से आभार व्यक्त किया है। ’’पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’’ ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में बिजली की पहुंच सुनिश्चित करने के साथ-साथ स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कमलेश ठाकुर जैसे लाभार्थियों की कहानियाँ इस बात का जीवंत उदाहरण हैं कि यह योजना न केवल बिजली की समस्या का समाधान कर रही है, बल्कि लोगों को विद्युत ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर और पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाने में भी योगदान दे रही है।