कोंडागांव जिले में 16 लाख के एक इनामी नक्सली दंपति ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण

कोंडागांव
छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में शुक्रवार को 16 लाख रुपए के इनामी नक्सली दंपत्ति ने सुरक्षाकर्मियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. इसमें पुरुष नक्सली साल 2009 में राजनांदगांव में हुए नक्सल हमले में शामिल था, जिसमें 29 पुलिसकर्मी मारे गए थे. इसके साथ ही पुलिस ने नारायणपुर जिले में दो नक्सलियों को भी गिरफ्तार किया है. उनके पास से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किया गया है.
कोंडागांव के पुलिस अधीक्षक वाई अक्षय कुमार ने बताया कि रायसिंह कुमेटी उर्फ रतनसिंह कुमेटी (35) और उसकी पत्नी पुनाय अचला उर्फ हिरोंडा (34) ने खोखली माओवादी विचारधारा से निराश होकर आत्मसमर्पण कर दिया. कुमेटी माओवादियों के प्रतिबंधित संगठन की कंपनी नंबर 5 के तहत वरिष्ठ कैडर के रूप में सक्रिय था, जबकि उसकी पत्नी इसकी सदस्य थी. दंपति पर 8-8 लाख का इनाम था.
एसपी ने बताया कि कुमेटी साल 2003 से 2011 के बीच माओवादी हिंसा की कई घटनाओं में शामिल था. इसमें राजनांदगांव में घात लगाकर किया गया हमला भी शामिल है, जिसमें तत्कालीन पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार चौबे सहित 29 पुलिसकर्मी मारे गए थे. उन्होंने बताया कि वह 2011 में गरियाबंद जिले में पुलिस कर्मियों के काफिले पर घात लगाकर किए गए एक अन्य हमले में भी शामिल था.
इसमें तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश पवार सहित 9 पुलिसकर्मी मारे गए थे. उन्होंने बताया कि कुमेटी और उसकी पत्नी कोंडागांव, कांकेर, राजनांदगांव, गरियाबंद, धमतरी, नारायणपुर और राज्य के अन्य जिलों में अन्य गंभीर नक्सली घटनाओं में भी शामिल थे. वे राज्य सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति से भी प्रभावित थे. उनको 50-50 हजार रुपए की सहायता राशि दी गई है.
इस बीच, नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने बताया कि नक्सल विरोधी अभियान के दौरान ओरछा थाना क्षेत्र के कोडोल, छोटेपालनार और रेंगाबेड़ा गांवों के बीच जंगल में सुरक्षाकर्मियों ने दो नक्सलियों कोंडाराम उसेंडी (35) और करंजे उसेंडी (40) को गिरफ्तार किया है. सुरक्षा बलों ने उनके पास से दो डेटोनेटर, एक प्रेशर कुकर, बिजली का तार समेत अन्य सामान जब्त किया है.