अन्य ख़बरें

‘मन की बात’ में बोले पीएम मोदी- पीड़ित परिवारों को न्याय मिलकर रहेगा

नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के 6 दिन बाद यानी आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पहलगाम हमले में मारे गए लोगों को याद किया। उन्होंने कहा कि कश्मीर में शांति लौट रही थी। वहां, पर्यटकों की संख्या बढ़ रही थी। विकास कार्य तेजी से हो रहे थे। ऐसे में कश्मीर के दुश्मनों ने हमला कर उसे फिर से तबाह करने की कोशिश की है।

पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में देश के सभी लोगों की एकजुटता सबसे अहम है। उन्होंने यह भी बताया कि पूरी दुनिया आतंक के खिलाफ इस लड़ाई में 140 करोड़ देशवासियों के साथ है।

पीएम मोदी ने एक बार फिर पीड़ितों के परिजनों को भरोसा दिलाया कि उन्हें न्याय मिलकर रहेगा। उन्होंने बताया कि कई देशों के नेताओं ने फोन पर उनसे बात की और आतंक के खिलाफ लड़ाई में भारत का साथ देने की बात कही। उन्होंने कहा पूरा विश्व, आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में, 140 करोड़ भारतीयों के साथ खड़ा है। मैं पीड़ित परिवारों को फिर भरोसा देता हूं कि उन्हें न्याय मिलेगा, न्याय मिलकर रहेगा। इस हमले के दोषियों और साजिश रचने वालों को कठोरतम जवाब दिया जाएगा।

पीएम मोदी ने कहा दो दिन पहले हमने देश के महान वैज्ञानिक डॉ के. कस्तूरीरंगन जी को खो दिया है। विज्ञान, शिक्षा और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाई देने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके नेतृत्व में इसरो को एक नई पहचान मिली। देश की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार करने में भी उन्होंने बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी। डॉ० कस्तूरीरंगन, 21वीं सदी की आधुनिक जरूरतों के मुताबिक आगे देखने वाली शिक्षा का विचार लेकर आए थे। आज भारत एक ग्लोबल स्पेस पावर बन चुका है। हमने एक साथ 104 सैटेलाइट लॉन्च करके रिकॉर्ड बनाया है। हम चंद्रमा के दक्षिणी पोल पर पहुंचने वाले पहले देश बने हैं। भारत बेहद कम कीमत पर प्रभावी तरीके से स्पेस में काम कर रहा है। कई देश अपने स्पेस मिशन के लिए इसरो की मदद लेते हैं।

पीएम ने कहा कि पिछले महीने म्यांमार में भूकंप से बड़ी तबाही आई, मलबे में फंसे लोगों के लिए भारतीय टीम ने एक फील्ड हॉस्पिटल तैयार किया। इंजीनियरों की एक टीम ने अहम इमारतों को हुए नुकसान का आकलन करने में मदद की। भारतीय टीम ने वहां कंबल, टेंट स्लीपिंग बैग्ल, दवाइयां, खाने-पीने के सामान के साथ ही और भी बहुत सारी चीजों की सप्लाई की। यूथोपिया में रहने वाले भारतीयों ने ऐसे बच्चों को इलाज के लिए भारत भेजने की पहल की है जो जन्म से ही हृदय की बीमारी से पीड़ित हैं। ऐसे बहुत से बच्चों की भारतीय परिवारों द्वारा आर्थिक मदद भी की जा रही है। कुछ ही दिन पहले भारत ने अफगानिस्तान और इसी हफ्ते नेपाल में दवाईओं और टीके की बड़ी खेप भेजी है। इनसे कई बीमारियों का बेहतर इलाज हो सकेगा।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button