प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मुद्रा योजना के लाभार्थियों से बातचीत की *उद्यमशीलता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में मुद्रा योजना का …

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के 10 वर्ष पूरे होने के अवसर पर मुद्रा योजना के लाभार्थियों से बातचीत की। उन्होंने सभी उपस्थित लोगों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया तथा अतिथियों के स्वागत के सांस्कृतिक महत्व का उल्लेख भी किया। उन्होंने प्रतिभागियों को अपने अनुभव साझा करने के लिए आमंत्रित किया। श्री मोदी ने, पालतू पशुओं की आपूर्ति, दवाओं और सेवाओं के उद्यमी बने एक लाभार्थी से बातचीत करते हुए, चुनौतीपूर्ण समय के दौरान किसी की क्षमता पर विश्वास करने वालों के प्रति आभार व्यक्त करने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने लाभार्थी से ऋण स्वीकृत करने वाले बैंक अधिकारियों को आमंत्रित करने और ऋण के कारण हुई प्रगति को प्रदर्शित करने के लिए कहा। श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह की कार्रवाइयों से न केवल उनके विश्वास को मान्यता मिलेगी बल्कि बड़े सपने देखने की हिम्मत रखने वाले व्यक्तियों का समर्थन करने के उनके निर्णय में आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि उनके समर्थन के परिणामों को प्रदर्शित करने से निस्संदेह उन्हें विकास और सफलता को बढ़ावा देने में अपने योगदान पर गर्व महसूस होगा।
प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ के रायपुर की महिला उद्यमी और ‘हाउस ऑफ पुचका’ की संस्थापक से बातचीत की। महिला उद्यमी ने घर पर खाना बनाने से लेकर एक सफल कैफे व्यवसाय स्थापित करने तक की अपनी प्रेरक यात्रा साझा की। उन्होंने कहा कि लाभ मार्जिन और खाद्य लागत प्रबंधन में शोध ने इस उद्यमशीलता की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने आगे कहा कि युवाओं के मन में डर है और कई लोग जोखिम लेने के बजाय नौकरी करना पसंद करते हैं। इसके जवाब में प्रधानमंत्री ने जोखिम लेने की क्षमता के महत्व पर प्रकाश डाला और बताया कि हाउस ऑफ पुचका की संस्थापक ने 23 साल की उम्र में अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए जोखिम लेने की अपनी क्षमता और अपने समय का प्रभावी ढंग से उपयोग किया। लाभार्थी ने रायपुर के दोस्तों, कॉर्पोरेट जगत और छात्रों के बीच चर्चाओं पर टिप्पणी की जिसमें उद्यमिता के बारे में उनकी जिज्ञासा और सवालों को जाना। उन्होंने युवाओं में सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता की कमी के बारे में भी बात की और कहा कि ये योजनाएं बिना किसी जमानत के धन मुहैया कराती हैं। उन्होंने आभार व्यक्त किया कि मुद्रा ऋण और पीएमईजीपी ऋण जैसी योजनाएं क्षमतावान लोगों के लिए महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती हैं। उन्होंने युवाओं को इन योजनाओं पर शोध करने और साहसिक कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि जो लोग आगे बढ़ना और सफल होना चाहते हैं, उनके लिए कोई सीमा नहीं है।
मुद्रा ऋण का दायरा बढ़ाने में सरकार द्वारा प्रदर्शित उल्लेखनीय विश्वास पर प्रकाश डालते हुए, श्री मोदी ने कहा कि प्रारंभ में 50,000 रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक के ऋण का दायरा बढ़ाकर अब 20 लाख रुपए कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह विस्तार भारत के नागरिकों की उद्यमशीलता की भावना और क्षमताओं में व्यक्त विश्वास को दर्शाता है, जो योजना के सफल कार्यान्वयन से और मजबूत हुआ है।
मुद्रा योजना का लाभ उठाने और अपना खुद का उद्यम शुरू करने के लिए दूसरों को प्रोत्साहित करने के महत्व पर जोर देते हुए, श्री मोदी ने लोगों से कम से कम पांच से दस अन्य लोगों को प्रेरित करने और उनका समर्थन करने, उनमें आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 52 करोड़ ऋण वितरित किए गए हैं, जो विश्व स्तर पर एक अद्वितीय उपलब्धि है।
श्री मोदी ने मुद्रा योजना में अपने विश्वास को दोहराया और कहा कि यह लोगों की आकांक्षाओं और परिस्थितियों का अध्ययन करने और उनके समाधान का एक साधन है। उन्होंने योजना की सफलता पर विश्वास व्यक्त किया और समुदाय में योगदान देने से मिलने वाली संतुष्टि का उल्लेख करते हुए लाभार्थियों से समाज को कुछ देने का आग्रह किया।
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी भी इस बातचीत के दौरान उपस्थित थे।