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कांग्रेस का खुलेगा खाता या तीसरी बार भी उपचुनाव जीतेगी भाजपा

बुधनी ।  मध्य प्रदेश की बुधनी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव का परिणाम आज आएगा। सुबह आठ बजे से यहां मतगणना जारी है। दोपहर करीब 11:30 बजे भाजपा प्रत्याशी रमाकांत भार्गव 1809 वोट से आगे चल रहे हैं। पहले राउंड से बढ़त बनाने वाले कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार पटेल अब लगातार पिछड़ते नजर आ रहे हैं। बुधनी में तीन राउंड की काउंटिंग पूरी हो गई है, यहां 13 राउंड में मतगणना होगी। भाजपा का दो दशक से बुधनी पर कब्जा है। शिवराज सिंह यहां से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं। ऐसे में भाजपा को पूरी उम्मीद है पार्टी के प्रत्याशी रमाकांत भार्गव इस सीट पर जीत दर्ज करेंगे और एक फिर कमल खिलेगा। वहीं, कांग्रेस को उम्मीद है कि राजकुमार पटेल इस बार अपनी छाप छोड़ेंगे। हालांकि, पटेल को इस सीट पर अब तक हुए तीन उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा था।

बुधनी भाजपा का गढ़ क्यों?

बुधनी विधानसभा सीट पर अब तक 17 चुनाव हुए हैं। इनमें से 11 भाजपा, पांच कांग्रेस और एक अन्य ने जीता है। इस सीट पर पहली बार 1957 में चुनाव हुआ था, जिसमें कांग्रेस की राजकुमारी सुराज काला ने जीत हासिल की थी। खास बात यह है कि 2024 के उपचुनाव को मिलाकर अब तक यहां तीन बार उपचुनाव हुए हैं, जिसका कारण शिवराज सिंह चौहान ही रहे हैं। इन तीनों उपचुनाव में कांग्रेस ने किरार समाज से आने वाले राजकुमार पटेल को चुनावी मैदान में उतारा। इस सीट पर किरार समाज का वोट बैंक निर्णायक माना जाता है। पिछले दो उपचुनाव में पटेल 1992 में भाजपा के मोहनलाल शिशिर से 580 वोटों से हार गए थे। वहीं, 2006 के उपचुनाव में शिवराज सिंह चौहान ने पटले को 36,500 वोटों से हराया था। 1962 में इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार ने भी जीत दर्ज की थी।

बुधनी में क्यों हुए उपचुनाव 

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के विदिशा से सांसद चुनने बाद बुधनी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। जिसके कारण बुधनी विधानसभा सीट खाली हो गई थी। भाजपा ने पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव और कांग्रेस ने पूर्व मंत्री राजकुमार पटेल को अपना प्रत्याशी बनाया है। राजकुमार पटेल 1993 में बुधनी सीट से चुनाव जीत चुके हैं। 1998 के बाद से कांग्रेस इस सीट पर कोई चुनाव नहीं जीती है। पिछले छह चुनाव से लगातार भाजपा जीतते आ रही है। 

क्या है इस सीट का समीकरण क्या

बुधनी सीट पर भाजपा और कांग्रेस का सीधा मुकाबला है। भाजपा ने ब्राह्मण और कांग्रेस ने करार समाज से प्रत्याशी पर दांव लगाया है। किरार समाज निर्णायक वोट बैंक है। अभी तक यह समाज किरार समाज से आने वाले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ जाता रहा है। अब इस बार देखना होगा कि यह वोट बैंक किसे मिलता है। इस सीट पर ब्राह्मण और ओबीसी मतदाओं का रूख महत्वपूर्ण होगा। 

उपचुनाव में भाजपा की बढ़त, कांग्रेस को जीत का इंतजार

बुधनी में अब तक हुए दो उपचुनाव में भाजपा ने अजेय बढ़त बनाए रखी है, जबकि कांग्रेस तीसरे उपचुनाव के परिणाम में जीत की उम्मीद कर रही है। बुधनी विधानसभा में दोनों उपचुनाव भाजपा शासनकाल में हुए थे। तीसरा उपचुनाव के दौरान भी प्रदेश में भाजपा की ही सरकार है। अगर, भाजपा इस बार भी जीतती है तो वह 3-0 की अजेय बढ़त बना लेगी। वहीं, अगर कांग्रेस जीतती है तो मुकाबला 2-1 हो जाएगा।  

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