रायपुर, 29 सितंबर 2025
विश्वप्रसिद्ध बस्तर दशहरा अपनी अनूठी परंपराओं और 75 दिनों तक चलने वाले भव्य उत्सव के लिए जाना जाता है। इस वर्ष उत्सव को और अधिक सुरक्षित तथा व्यवस्थित बनाने की दिशा में एक अहम पहल की गई है। रथ परिक्रमा मार्ग पर अंडरग्राउंड वायरिंग का कार्य तेजी से जारी है। लगभग 5 करोड़ 19 लाख रुपए की लागत से हो रही यह परियोजना दशहरा समिति की वर्षों पुरानी मांग को पूरा करती है, जिसे मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर मंजूरी मिली है।
बस्तर दशहरा समिति लंबे समय से परिक्रमा मार्ग पर ऊपर लटके विद्युत तारों को हटाकर अंडरग्राउंड वायरिंग की मांग कर रही थी। ऊपरी तारों की वजह से रथ परिक्रमा के दौरान तार टूटने, शॉर्ट सर्किट और बरसात में बाधा जैसी समस्याएं आती थीं। इससे न केवल रथ संचालन प्रभावित होता था, बल्कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर भी खतरा मंडराता था। समिति ने कई बार प्रशासन से इस पर ठोस कदम उठाने की अपील की थी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की प्राथमिकता
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने बस्तर दशहरा की सांस्कृतिक और धार्मिक महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस प्रस्ताव को प्राथमिकता दी। उनके निर्देश पर परियोजना को हरी झंडी मिली और तेजी से कार्य शुरू हुआ। श्री साय ने कहा कि यह पहल न केवल उत्सव की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी बल्कि बस्तर के बुनियादी ढांचे और पर्यटन को भी नई मजबूती देगी। स्थानीय जनता और दशहरा समिति ने इस निर्णय का स्वागत किया है।
फूल रथ परिक्रमा पथ पूर्ण, मुख्य मार्ग पर तेजी से कार्य
विद्युत विभाग के अनुसार, फूल रथ परिक्रमा पथ पर अंडरग्राउंड वायरिंग का काम पूरा कर लिया गया है। अब मुख्य रथ परिक्रमा मार्ग पर तेजी से कार्य चल रहा है। इसके पूरा होने के बाद ऊपरी तारों से जुड़ी सभी बाधाएं पूरी तरह समाप्त हो जाएंगी और रथ संचालन निर्बाध और सुरक्षित हो सकेगा।
विजय रथ परिक्रमा के लिए विशेष इंतजाम
बस्तर दशहरा का सबसे बड़ा आकर्षण विजय रथ परिक्रमा है, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं। इस महत्वपूर्ण आयोजन को देखते हुए विद्युत कम्पनी ने विशेष तैयारी शुरू कर दी है। रथ मार्ग से जुड़े सभी विद्युत पोल, तार और अन्य संभावित बाधाओं की जांच की जा रही है। अधिकारीयों ने बताया कि कार्य को तय समयसीमा में पूरा करने के लिए टीमें दिन-रात काम कर रही हैं।
सुरक्षा के साथ शहर का सौंदर्य भी बढ़ेगा
यह परियोजना केवल सुरक्षा तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि शहर की सुंदरता को भी नया रूप देगी। ऊपरी तारों और खंभों की अनुपस्थिति से रथ मार्ग और आसपास का क्षेत्र अधिक आकर्षक व व्यवस्थित दिखाई देगा। साथ ही, बिजली आपूर्ति भी और स्थिर होगी। दशहरा समिति के सदस्यों ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय की इस पहल ने जनता को एक बड़ा तोहफा दिया है और यह परियोजना उत्सव की गरिमा को नई ऊंचाई तक ले जाएगी।