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    मध्यप्रदेश

    भारत और जापान के आत्मीय संबंधों की डोर अटूट है : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

    News DeskBy News DeskJanuary 30, 2025No Comments7 Mins Read
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    भारत और जापान के आत्मीय संबंधों की डोर अटूट है : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
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    भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जापान और भारत में अनेक समानताएं हैं। भारत और जापान के बीच संबंध केवल राजनायिक या आर्थिक नहीं है बल्कि यह आत्मीयता, सांस्कृतिक साझेदारी और आपसी सम्मान पर आधारित एक गहरी मित्रता है। दोनों देशों के रिश्ते सदियों पुराने है जो बौद्ध धर्म, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आपसी सहयोग से सशक्त हुए है। यहाँ की सूर्यनारायण संस्कृति हो या गौतम बुद्ध के बताये मार्ग, दोनों ही देशों में समान रूप से दिखाई देते हैं। इन दोनों देशों की आत्मीयता देखकर यह भी कहा जा सकता है कि जैसे भारत और जापान दो बिछड़े भाई हों। जापान जीवन के प्रति आस्था का प्रतीक भी है। यहाँ के नागरिकों से काम की गुणवत्ता, कर्त्तव्यनिष्ठा और कर्मशीलता के साथ ही जीवन को आनंद के साथ जीने की सीख मिलती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव जापान यात्रा के तीसरे दिन गुरुवार को ओसाका में उद्योगपतियों और उद्योग प्रतिनिधियों के साथ इंटरैक्टिव सत्र को संबोधित कर रहे थे।

    जापान के उद्योगों के लिये मध्यप्रदेश में निवेश के हैं अच्छे अवसर

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश ऊर्जा सरप्लस, प्रचुर खनिज संसाधन, स्वच्छतम् राज्य और देश के दूसरे बड़े शहरों से आवागमन के साधनों से अच्छी तरह कनेक्टेड है, साथ ही राज्य में उद्योग-मित्र नीतियां लागू की गई हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश आज डबल-डिजिट की विकास दर से आगे बढ़ रहा है। इसलिए, जापान की आधुनिकतम तकनीकों से संपन्न उद्योगों के लिए मध्यप्रदेश में निवेश के लिए अच्छे अवसर हैं। मुख्यमंत्री ने ओसाका के उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया। अगर उद्योगपति बड़ा मन लेकर आते हैं तो हम उनके सपनों को पंख देने के लिये तत्पर हैं। उन्होंने सभी निवेशकों को भोपाल में 24-25 फरवरी को आयोजित होने जा रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में शामिल होने का निमंत्रण भी दिया।

    म.प्र. में कल्याण की भावना से होती है उद्यमिता

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गीत ‘अपने लिये जिये तो क्या जिये….’ को उद्धृत करते हुए कहा कि उद्योगपित मात्र अपने व्यापारिक लाभ के लिए नहीं, बल्कि सैकड़ों लोगों के जीविकोपार्जन में सहयोग कर लोगों की समस्याओं का समाधान करते हैं। उन्होंने कहा कि जापान और भारत के जीवन मूल्य एक जैसे ही हैं। हमारे यहां श्रमिकों के कल्याण की भावना के साथ उद्यमिता होती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि निवेश और निवेशकों के साथ हम कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं। हम आपके सपनों को उड़ान देने को तैयार हैं।

    जापान हर संकट और हर दौर में हमारे साथ खड़ा रहा

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जापान हर संकट और हर दौर में हमारे साथ खड़ा रहा है। इसलिए हमारे देश एवं प्रदेश में जिन जापानी उद्योग समूहों ने निवेश किया वह हमारे निकट मित्र बन कर आज भी हमारे साथ हैं। हम अपनी 25 से अधिक नीतियों के साथ निवेशकों को लाभ देने के लिए जापान के सभी उद्योग समूहों को मध्यप्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निवेशकों को आश्वस्त किया कि हम निवेश के इच्छुक उद्यमियों के लिए और भी आकर्षक नीतियां लागू कर सकते हैं, यहां तक कि उनकी निवेश लागत का 200 प्रतिशत तक वापस करने के लिए भी तैयार हैं।

    मध्यप्रदेश, विभिन्न सेक्टर्स में निवेशकों के स्वागत को तत्पर

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ओसाका के उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश में निवेश करने के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में फूड, आईटी, स्पाइस, प्लास्टिक, मेडिकल विपमेंट, डिवाइस, सोलर इक्विपमेंट, फुटवियर, ईवी, फार्मा, टेक्स्टाइल सहित 300 से अधिक प्रकार के पार्क्स और गार्मेंट इकाइयों के लिए प्लग-एंड-प्ले जोन एवं सेमीकंडक्टर पार्क स्थापित किये गए हैं। हमारी नीतियां गार्मेंट, लॉजिस्टिक्स, ईवी, खाद्य प्र-संस्करण, इथेनॉल, आईटी, फार्म और मेडिकल डिवाइसेज में निवेश को आकर्षित करने लिए अनुकूल हैं। मध्यप्रदेश में मेडिकल कॉलेज स्थापना के लिये निशुल्क जमीन और पर्यटन के क्षेत्र में 40 प्रतिशत की छूट दी जा रही है।

    भारत के महावाणिज्य दूत चंद्रू अप्पार ने स्वागत उदबोधन दिया। जेट्रो ओसाका के महानिदेशक हिदेकी शो ने कहा कि राज्य की लोकेशन आदर्श और भविष्य की लॉजिस्टिक्स के लिए उपयुक्त है, जो मध्यप्रदेश में निवेश का एक महत्वपूर्ण कारक है। जापानी ऑटोमोटिव और मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां मध्यप्रदेश में निवेश करने के लिए उत्सुक हैं। भारतीय चैंबर ऑफ कॉमर्स-जापान के मानद अध्यक्ष परमजीत चड्ढा ने कहा कि मैं मध्यप्रदेश की प्रोत्साहन योजनाओं और नीतियों से प्रभावित हूं। मैंने पहली बार जाना कि मध्यप्रदेश के पास अत्यधिक कुशल कार्यबल है और मैं इस बात से प्रभावित हूं कि वे जापान से मध्यप्रदेश में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कितनी तत्परता से काम कर रहे हैं।

    एसीएस डॉ. राजौरा ने पर्यटन, आईटी, माईनिंग एवं नवकरणीय ऊर्जा पर दिया प्रेजेंटेशन

    अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने पर्यटन, आईटी, माईनिंग एवं नवकरणीय ऊर्जा के सेक्टर में मध्यप्रदेश में उपलब्ध निवेश अवसरों पर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में निवेश की असीम संभावनाएं हैं। यहां सांस्कृतिक, धार्मिक, प्राकृतिक एवं पुरातात्विक पर्यटन की असीम संभावनाएं है। यहाँ भगवान बुद्ध से संबंधित साँची, 24 सैंक्च्युअरी, 12 नेशनल पार्क, 9 टाइगर रिजर्व हैं, 4 यूनेस्को की हेरिटेज साइट और 2 ज्योतिर्लिंग हैं। उन्होंने कहा कि आईटी/आईटीईएस एवं ईएसडीएम सेक्टर में निवेश की असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में आईटी हब के लिए राज्य में एआई तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र, उद्यमशीलता संस्कृति, सरकारी की नीतियां, तकनीकी रूप से कुशल कार्यबल, व्यवसाय में कम से मध्यम जोखिम, बुनियादी ढांचा और बेहतर कनेक्टिविटी और ईज ऑफ लिविंग और कार्य जीवन संतुलन बेहतर हैं। एसीएस डॉ. राजौरा ने बताया कि मध्यप्रदेश में माइनिंग सेक्टर में निवेश की संभावनाओं पर जानकारी देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश देश का एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां विविध प्रकार के खनिज प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। प्रदेश हीरा, कॉपर अयस्क और मैंगनीज के उत्पादन में देश में पहले स्थान पर है, जबकि चूना पत्थर और रॉक फॉस्फेट में दूसरे स्थान पर है। इसके अलावा, कोयला, बॉक्साइट और ग्रेफाइट जैसे खनिजों के समृद्ध भंडार भी हैं। मध्यप्रदेश हीरे और सोने की भूमि है। एसीएस डॉ. राजौरा ने बताया कि राज्य में नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वर्ष 2012 से 2024 तक राज्य में नवकरणीय ऊर्जा की क्षमता में 491 मेगावाट से 6418 मेगावाट की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन एवं मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में आने वाले वर्षों में ऊर्जा मुख्यतः नवकरणीय ऊर्जा पर आधारित होगी। प्रदेश में सोलर, विंड, हाइड्रो एवं बायोमास आगामी ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से कार्य हो रहा है।

    प्रमुख सचिव उद्योग सिंह ने खनिज क्षेत्र का दिया प्रेजेंटेशन

    प्रमुख सचिव, औद्योगिक नीति एवं निवेश संवर्द्धन राघवेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश क्षेत्रफल में देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है और वन क्षेत्र के मामले में पहले स्थान पर है। यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा खाद्यान्न उत्पादक राज्य भी है। साथ ही मध्यप्रदेश तांबा, मैंगनीज, मोलिब्डेनम और हीरे के उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर है। इंदौर सबसे स्वच्छ शहर और सबसे स्वच्छ राजधानी का भोपाल को सम्मान मिला। स्वच्छता के मामले में यह भारत का दूसरा सबसे स्वच्छ राज्य है। इसके अलावा यह देश का 5वां सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है, जो एक विशाल कंज्यूमर मार्केट प्रदान करता है।

    प्रदेश सरकार की औद्योगिक नीतियां निवेशकों को विशेष सुविधाएं प्रदान करती हैं। भूमि अधिग्रहण में छूट, निवेश प्रोत्साहन सहायता, और हरित प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। इसके अलावा, आवेदन प्रक्रिया को 15 दिनों में पूरा करने जैसे कदमों ने राज्य को निवेशकों के लिए एक अनुकूल निवेश स्थल बना दिया है। इसके माध्यम से ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग में भी प्रदेश अग्रणी है।

    मध्यप्रदेश इलनेस से वेलनेस तक फ्यूचर रेडी इंडस्ट्रीज में निवेश के लिए तैयार

    आयुक्त जनसम्पर्क डॉ. सुदाम खाड़े ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश इलनेस से वैलनेस की ओर तेजी से अग्रसर हुआ है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश हर सेक्टर में अपनी उद्योग-अनुकूल नीतियों, बेहतर सड़कों का नेटवर्क, संगठित लॉजिस्टिक इन्फ्रास्ट्रक्चर, देश में केन्द्रीय स्थिति, उद्योग अनुकूल इकोसिस्टम और प्राकृतिक एवं मानव संसाधनों की प्रचुर उपलब्धता के साथ निवेशकों के लिए भविष्य के स्वर्णिम अवसरों के साथ तैयार है। आयुक्त डॉ. खाड़े ने बताया कि निवेशक राज्य में फार्मास्युटिकल्स, ल़ॉजिस्टिक्स, प्लास्टिक, मेडिकल डिवाइसेज और गारमेंट्स एंड टेक्स्टाइल्स सेक्टर्स में निवेश कर सकते हैं। उन्होंने विश्व स्तरीय मेडिकल यूनिवर्सिटी का उल्लेख करते हुए निवेशकों को बताया कि मध्यप्रदेश में मेडिकल-आयुर्वेदिक एज्युकेशन और रिसर्च में निवेश की भी अच्छी संभावनाएं हैं।

    News Desk

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