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रायपुर : ग्रामीण परिवार सिर्फ योजनाओं के आंकड़ों में नहीं, बल्कि जीवन स्तर में भी बदलाव महसूस करें-उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा

महिला समूहों के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर बाज़ार तक पहुँचाये-उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा

उपमुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा- निर्माण कार्य पूरी गुणवत्ता के साथ समयसीमा में पूर्ण हो

उपमुख्यमंत्री ने आत्मसमर्पित नक्सलियों को भी समूहों से जोड़कर आयमूलक कार्यो से जोड़ने के दिए निर्देश

उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा की अध्यक्षता में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की दो दिवसीय समीक्षा बैठक सम्पन्न

रायपुर, 31 जुलाई, 2025

छत्तीसगढ़ की ग्रामीण तस्वीर को संवारने और अंतिम व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए आज मंत्रालय महानदी भवन में उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा की अध्यक्षता में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने दो दिनों तक पंचायत विभाग के कार्यो की समीक्षा की। बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन और महिला सशक्तिकरण से जुड़ी योजनाओं की प्रगति की गहन समीक्षा की गई। बैठक में प्रमुख सचिव पंचायत विभाग श्रीमति निहारिका बारीक सिंह, सचिव श्री भीम सिंह, संयुक्त सचिव श्री धर्मेश कुमार साहू, आयुक्त महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना और संचालक, प्रधानमंत्री आवास योजना, संचालक पंचायत श्रीमती प्रियंका महोबिया के अलावा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।    

     उपमुख्यमंत्री ने बैठक की शुरुआत में कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ गांव के मेहनतकश लोग और महिलाएं हैं। राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि ग्रामीण परिवार सिर्फ योजनाओं के आंकड़ों में नहीं, बल्कि जीवन स्तर में भी बदलाव महसूस करें। उन्होंने विशेष तौर पर महिलाओं और वंचित वर्गों को स्व-सहायता समूहों के माध्यम आजीविका से जोड़ने के निर्देश दिए। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने इन समूहों को खेती, जैविक उत्पादन, मशरूम उत्पादन, वनोपजों के संग्रहण व प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया जा रहा है। स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर महिला समूहों के उत्पादों को बाज़ार तक पहुंचाया जा रहा है। साथ ही ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों में बिक्री के लिए प्लेटफॉर्म तैयार किए जा रहे हैं। उपमुख्यमंत्री ने आत्मसमर्पित नक्सलियों को भी समूहों से जोड़कर आयमूलक कार्यो से जोड़ने के निर्देश दिए। आईआईटी भिलाई और तकनीकी संस्थानों से सहयोग लेकर वनोपजों जैसे महुआ, साल बीज, चिरौंजी, आंवला, लाह, हर्रा-बहेड़ा इत्यादि के प्रसंस्करण और विपणन की आधुनिक इकाइयां जिले स्तर पर स्थापित की जाएंगी। इससे न केवल रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि युवाओं को भी गांव में ही स्वरोजगार के साधन मिलेंगे।    

     उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यों की भी समीक्षा की।  उपमुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि निर्माण कार्य पूरी गुणवत्ता के साथ समयसीमा में पूर्ण हो, इसके लिए ठेकेदारों की जवाबदेही तय हो और लापरवाही पर कठोर कार्रवाई हो। गुणवत्ता और समयसीमा से कोई समझौता नहीं होगा। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा के साथ निर्माण कार्य समय पर पूर्ण गुणवत्ता के साथ पूर्ण हो।      

      बैठक में भू-जल संरक्षण और संवर्धन के लिए चलाए जा रहे मोरे गांव मोरे पानी महाभियान की समीक्षा करते हुए उपमुख्यमंत्री ने अब तक निर्मित 37,090 जल संरचनाओं की सराहना की। इनमें तालाब गहराईकरण, डबरी, चेक डैम, रिचार्ज शाफ्ट और परकोलेशन टैंक शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जनभागीदारी और सामुदायिक श्रमदान से 3.32 लाख से अधिक कार्य पूरे किए गए हैं, जो गांवों की जल आत्मनिर्भरता का प्रमाण हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जुलाई से अक्टूबर तक जल संरक्षण अभियान तेज किया जाए और इसके साथ ही वृक्षारोपण, जल स्रोतों की सफाई और अमृत सरोवरों के निर्माण पर भी विशेष ध्यान दिया जाए।     

   उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की प्रगति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी स्वीकृत आवासों को समयबद्ध रूप से पूर्ण कराया जाए। बैठक में वर्ष 2025-26 के लिए निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति और लंबित मामलों के तत्काल निराकरण के निर्देश दिए। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना ग्रामीण जनता को गरिमामय जीवन देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है और इसे सुचारु रूप से क्रियान्वित करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। उन्होंने निर्माण की गुणवत्ता, पारदर्शिता और पात्र हितग्राहियों को प्राथमिकता दिए जाने पर बल दिया। उपमुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि जिन जिलों में अपेक्षित गति नहीं है उसका मोनिटरिंग राज्य स्तर से करें ताकि योजना के लाभार्थियों को शीघ्र आवास की सुविधा मिल सके। पीएम जन मन योजना के तहत 33,000 से अधिक आवासों को मंजूरी मिली है, जिनमें से 10,500 बन चुके हैं।

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