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रायपुर : किसानो के हित में निरंतर कार्य कर रही है राज्य सरकार: मंत्री श्री रामविचार नेताम

कृषि मंत्री ग्राम जाबर में आयोजित किसान सम्मेलन में हुए शामिल

‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत किया आम का पौधारोपण

664.43 लाख रूपए की 31 कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन

रायपुर, 21 जुलाई 2025

कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम आज बलरामपुर जिले के ग्राम जाबर में आयोजित किसान सम्मेलन में शामिल हुए। उन्होंने इस दौरान 664 लाख 43 हजार रूपए लागत की 31 कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। इसमें राज्य कृषि विपणन मंडी बोर्ड अन्तर्गत विकासखंड बलरामपुर के ग्राम पंचायतों में सी.सी. रोड के 28 एवं पुल-पुलिया निर्माण के 03 इस तरह कुल 31 कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण  किया। जिसमें 21 कार्यों का भूमि पूजन जिसकी लागत 408.72 लाख रूपए और 10 कार्यों का लोकार्पण जिसकी लागत 255.71 लाख रूपए शामिल है। उन्होंने इस मौके पर ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत आम का पौधारोपण किया। उन्होंने इस अवसर पर विभिन्न योजनाओं के तहत हितग्राहियों को सामग्री का वितरण भी किया।  

कार्यक्रम में मंत्री श्री नेताम के द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र के 8 किसान को सम्मानित किया गया। कृषि विभाग से 20 किसानो को रामतिल, उद्यान विभाग से 67 किसानों को पौध वितरण  मत्स्य विभाग के द्वारा 01 किसान को कोल्ड बॉक्स, वन विभाग अंतर्गत 10 महिलाओं को चरण पादुका का वितरण किया गया। साथ ही स्वेछानुदान राशि के चेक का वितरण भी किया। इस दौरान उन्होंने प्राकृतिक खेती एवं फसल प्रबंधन पुस्तक का विमोचन भी किया। 

कृषि मंत्री श्री नेताम ने किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार किसान हितैषी सरकार है। हमारी सरकार किसानों के हित में कार्य करने व उन्हें लाभान्वित करने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य में किसानों के सर्वांगीण विकास के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सभी वर्गों का निरंतर विकास हो रहा है।

उन्होंने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जैसे महत्वाकांक्षी योजनाओं के माध्यम से राज्य सरकार प्रदेश के अधिक से अधिक किसानों को लाभान्वित करने के लिए प्रयासरत है। प्रतिवर्ष धान की खरीदी के समर्थन मूल्य में निरंतर वृद्धि की जा रही है, जिससे किसानों को उनकी उपज का समुचित मूल्य मिल रहा है जिससे क्षेत्र में भी किसान बहुतायत में धान की फसल ले रहे है। उन्होंने धान के स्थान पर अन्य फसल जैसे मोटा अनाज, दलहन, तिलहन जैसे फसलों लेने प्रेरित किया जिससे कृषि विविधीकरण को बढ़ावा मिल सके। साथ ही उन्होंने डीएपी के वैकल्पिक का उपयोग करने की बात कही। उन्होंने कहा कि तेंदूपता संग्राहक को डीबीटी के माध्यम से सीधे खाते में राशि का अन्तरण किया जा रहा है। इस डिजिटल क्रांति के माध्यम से देश-प्रदेश में बदलाव आया है। डिजिटल क्रांति के माध्यम से शासन की योजनाएं पारदर्शी ढंग से अंतिम व्यक्ति तक पहुँच रही हैं।

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