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‘योग फॉर वन अर्थ वन हेल्थ’ थीम पर मनाया जाएगा योग दिवस : वित्त मंत्री चौधरी

रायपुर

 

छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने आज रायपुर स्थित भाजपा जिला कार्यालय एकात्म परिसर में प्रेसवार्ता आयोजित की. इस दौरान उन्होंने 21 जून को योग दिवस पर होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए कहा कि कल शनिवार 21 जून 2025 को पूरी दुनिया “योग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ” की थीम के साथ 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने जा रही है. गत दस वर्षों में भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से योग को दुनिया में अपना उचित स्थान मिला है. चौधरी ने कहा कि भारत सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है कि भारत की योग आधारित अर्थव्यवस्था कुल 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक की हो चुकी है और 1 लाख से अधिक प्रमाणित योग शिक्षक दुनिया के 190 देशों में योग सीखने-सिखाने का कार्य कर रहे हैं.

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने PC को संबोधित करते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कल मनाया जाएगा. 2014 से मोदी सरकार ने प्रयास किया कि योग को दुनिया एडॉप्ट करे. भारत का सॉफ्ट पावर पूरी दुनिया ने स्वीकार किया है. अनेक धर्मों ने योग को एडॉप्ट किया है. वर्ल्ड ऑर्डर, शांति को स्थापित करने योग का बड़ा योगदान है. प्रधानमंत्री मोदी ने विकास और विरासत की बात कही है.

उन्होंने बताया कि योग का थीम इस बार “योग फॉर वन अर्थ वन हेल्थ“ रखी गई है. वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने जनता से अपील करते हुए कहा कि सभी किसी ना किसी योग दिवस कार्यक्रम में मौजूद रहें.

योग दिवस के लिए समाज कल्याण विभाग बजट निर्धारित करता है. भाजपा की संगठन इकाई योग दिवस कार्यक्रम का आयोजन करेगी. GAD के आदेश पर राज्य सरकार योग दिवस के कार्यक्रम का आयोजन करेगी.

वित्त मंत्री चौधरी ने बताया कि राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) के हाल ही में हुए सर्वेक्षण में पाया गया कि देश के 2.5 करोड़ घरों में, जो कि देश की आबादी का लगभग 8% है, कम-से-कम एक सदस्य नियमित योग करता है. यह योग के भारतीय जीवन शैली से जुड़ाव को दिखाता है और यह स्थापित करता है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार आम भारतीय के जीवन की प्राथमिकताओं पर चल रही है.

चौधरी ने कहा कि आज के इस कठिन दौर में, जहाँ बीमारियों और जनसंख्या दोनों ही तेज़ी से बढ़ रही हैं, योग एक ऐसा माध्यम है जिससे हम सभी एक स्वस्थ, संतुलित और खुशहाल जीवन सकते हैं. योग केवल शरीर की क्रियाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आत्मा, मन और चेतना को जोड़ने वाली एक जीवनशैली है. भारत, जो योग की भूमि है, ने सदियों से इसे संरक्षित और प्रचारित भी किया है. यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर है और आज विश्व भर में इसके वैज्ञानिक लाभों को स्वीकार किया जा रहा है.

चौधरी ने कहा कि भारत जैसा कोई दूसरा देश शायद ही हो, जिसका इतना व्यापक, समृद्ध और जीवंत सांस्कृतिक इतिहास रहा हो. जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में यह प्रस्ताव रखा कि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाए, तब बहुत-से लोग जो पहले योग का मजाक उड़ाया करते थे, उन्हें यह कल्पना भी नहीं रही होगी कि यह पहल एक दिन वैश्विक आंदोलन का रूप ले लेगी. इस ऐतिहासिक क्षण में 177 देशों ने एक स्वर में इस प्रस्ताव का समर्थन किया. यह भारत की सांस्कृतिक विरासत की जीत थी. मोदी ने न केवल भारत में, बल्कि पूरे विश्व में भारतीय मूल्यों और परंपराओं के प्रति एक नई जागरूकता उत्पन्न की है. प्रधानमंत्री मोदी के पंच-प्रण का संदेश यही है कि हम विकास के साथ अपनी विरासत को आत्मसात करें, उसे सहेजें.

प्रदेश के वित्त मंत्री चौधरी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को 21 जून को मनाने के पीछे एक गहरा और वैज्ञानिक कारण भी है. 21 जून वर्ष का सबसे लंबा दिन और सबसे छोटी रात होती है. इसी दिन दक्षिणायन की शुरुआत होती है. भारतीय शास्त्रों और आयुर्वेद में यह माना गया है कि दक्षिणायन के प्रारंभ से वातावरण में अशुद्धता बढ़ने लगती है और हमारी रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है. ऐसे समय में तन और मन को संतुलित बनाए रखने, शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और आत्मिक शांति प्राप्त करने के लिए योग एक अत्यंत प्रभावी साधन है. चौधरी ने कहा कि योग हमारी 15 हजार साल पुरानी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का अभिन्न हिस्सा है.

आदियोगी शिव को योग का प्रथम ज्ञानदाता माना जाता है, जिन्होंने सप्तर्षियों को योग की गूढ़ विधाओं का उपदेश दिया. बाद में महर्षि पतंजलि ने योग को एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से व्यवस्थित किया और उसे आस्था, अंधविश्वास और भ्रम से निकालकर एक प्रमाणित जीवनशैली के रूप में दुनिया के समक्ष प्रस्तुत किया. योग केवल शारीरिक क्रियाओं का नाम नहीं है, बल्कि मन की स्थिरता, भावनाओं का संतुलन, और आत्मा की शुद्धता की साधना है.

चौधरी ने कहा कि “युव्रा” और “योग” जितने उच्चारण में मिलते-जुलते हैं, उतनी ही गहराई से एक-दूसरे से जुड़े भी हैं. आज योग से विमुख होते जा रहे युवाओं को पुन: योग से जोड़ा जडा रहा है. युवा योग अपनाएँ. योग कोई कठिन साधना नहीं, बल्कि मन को एकाग्र करने, तन को स्थिर करने, और आत्मा को शांत करने का एक सरल, वैज्ञानिक और प्रभावी तरीका है.

प्रदेश के वित्त मंत्री चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से 21 जून के दिन को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने के प्रस्ताव को 11 दिसंबर 2014 को यूनाइटेड नेशन्स की जनरल असेंबली ने सर्वसम्मति से पारित किया था. इस प्रस्ताव को विश्व के 175 देशों का समर्थन मिला था. यह समर्थन यूनाइटेड नेशन की जनरल असेंबली के इतिहास में किसी भी प्रस्ताव को मिले समर्थन से अधिक था. अब तक विश्व में योग दिवस पर हुए वैश्विक आयोजनों की चर्चा करते हुए चौधरी ने कहा कि 21 जून 2015 को पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर न्यूयॉर्क, पेरिस, बीजिंग, बैंकॉक जैसे शहरों में भव्य आयोजन किया गया. प्रथम अंतरराष्ट्रीय योग दिवस “योग फॉर पीस एंड हारमनी” की थीम पर आधारित था. इस दिन दिल्ली के एक योग कार्यक्रम में 35,985 लोगों ने एक साथ योग कर विश्व रिकॉर्ड बनाया, इन लोगों में 84 देशों के नागरिक शामिल थे. इस वर्ष 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को खास बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा 10 तरह के खास आयोजन किये जा रहे हैं. इस वर्ष योग संगम का आयोजन कर 10 हजार स्थानों पर एक साथ योग प्रदर्शन कर विश्व रिकॉर्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है. योग वंदन के तहत प्रतिष्ठित स्थलों पर योग सत्र आयोजित करने के लिए 10 देशों के साथ वैश्विक साझेदारी की गई है. दीर्घकालिक सामुदायिक जुड़ाव के लिए 1 हजार योग पार्कों का विकास किया जाएगा. दिव्यांगजनों, वरिष्ठ नागरिकों, बच्चों और हाशिए पर रहे समूहों के लिए विशेष योग कार्यक्रम रखे जाएंगे. इसी प्रकार प्रसिद्ध योग विशेषज्ञों और स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की भागीदारी वाला एक वर्चुअल वैश्विक योग शिखर सम्मेलन होगा. योग को वृक्षारोपण और सफाई अभियान के साथ मजबूती से जोड़ने वाली एक पहल शुरू की जा रही है. 10 स्थानों पर एक सप्ताह तक चलने वाले योग महाकुंभ उत्सव का समापन प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एक केंद्रीय समारोह में होगा. समग्र स्वास्थ्य के लिए आधुनिक स्वास्थ्य सेवा के साथ योग को एकीकृत करने वाली 100-दिवसीय पहल संयोगम का आयोजन किया जा रहा है.

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