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भुज में गरजे पीएम मोदी- भारतीयों पर आंख उठाने वाले लोगों को बख्शा नहीं जाएगा

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के गुजरात दौरे पर हैं। पीएम मोदी दाहोद के बाद अब भुज पहुंच गए हैं। जहां उन्होंने आयोजित विभिन्न विकास परियोजनाओं के शिलान्यास और लोकार्पण कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

इस दौरान पीएम मोदी ने 53,400 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। बिजली क्षेत्र की परियोजनाओं में खावड़ा अक्षय ऊर्जा पार्क में उत्पादित अक्षय ऊर्जा की निकासी के लिए ट्रांसमिशन परियोजनाएं, ट्रांसमिशन नेटवर्क विस्तार और तापी में एक अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट इकाई शामिल हैं। इनमें कांडला बंदरगाह और गुजरात सरकार की कई सड़क, जल और सौर परियोजनाएं भी शामिल हैं।

इस दौरान उन्होंने एक जनसभा को भी संबोधित किया। यहां से उन्होंने दुश्मन देश पाकिस्तान को एक बार फिर साफ शब्दों में चेतावनी दी है। ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारतीयों का खून बहाने वाले लोगों को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया जाएगा। मैंने सेना को खुली छूट दे रखी है। भारतीयों पर आंख उठाने वाले लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ हमारी नीति जीरो टॉलरेंस की है। ऑपरेशन सिंदूर ने हमारी नीति को बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है। जो भी हमारे खून को बहाएगा, उसे इसी तरह का जवाब मिलेगा। किसी भी कीमत पर उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। ऑपरेशन सिंदूर मानवता को बचाने और आतंकवाद को खत्म करने का मिशन है। हमने 15 दिनों तक इंतजार किया कि क्या पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ कोई कदम उठाएगा, लेकिन शायद आतंकवाद ही उनकी रोजी-रोटी है। जब उन्होंने कुछ नहीं किया, तो मैंने अपने सशस्त्र बलों को खुली छूट दे दी।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत की प्रतिक्रिया के बाद पाकिस्तान बौखला गया है। उन्होंने कच्छ सहित सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन भेजे। 1971 के युद्ध के दौरान कच्छ की बहादुर महिलाओं ने भुज रनवे को 72 घंटे में मरम्मत करके पाकिस्तान के दुष्प्रचार को परास्त कर दिया। वे महिलाएं मेरे पास आईं और मुझे आशीर्वाद दिया। साथ ही उन्होंने मुझे सिंदूर का पौधा भी उपहार में दिया। इसे प्रधानमंत्री आवास में लगाया जाएगा।

इसके पहले जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कच्छ से मेरा रिश्ता पुराना रहा है। कच्छ के लोगों और उनके आत्मविश्वास ने हमेशा मेरा मार्गदर्शन किया है। जब नर्मदा का पानी पहली बार कच्छ पहुंचा, तो वह दिन कच्छ के लिए दिवाली से कम नहीं था। यह एक अभूतपूर्व उत्सव था। सौभाग्य से आप सभी ने मुझे ऐसा होने का कारण बनने का मौका दिया।

 

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