मुख्यमंत्री ने मुंगेली जिला ग्रंथालय में किया अतिरिक्त कक्ष का लोकार्पण, विद्यार्थियों को दिए सफलता के सूत्र

मुख्यमंत्री ने आदर्श विद्यार्थी के पाँच गुण “काक चेष्टा बको ध्यानं, श्वान निद्रा तथैव च। अल्पाहारी गृहत्यागी, विद्यार्थी पंच लक्षणं” का उल्लेख करते हुए विद्यार्थियों को अनुशासित, मेहनती और लक्ष्यनिष्ठ बनने की प्रेरणा दी। एक छात्र द्वारा सोशल मीडिया के प्रभाव पर पूछे गए प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा, “डिजिटल युग में अच्छाई को अपनाएं और बुराई से दूर रहें।” मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में राज्य व जिला स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले वाले विद्यार्थियों को स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में तोप सिंह कुंभकार ने मुख्यमंत्री को उनके ही चित्र का हस्तनिर्मित छायाचित्र भेंट किया। छात्र-छात्राओं एवं जिला प्रशासन की ओर से मुख्यमंत्री को भगवद् गीता, पुस्तिका और स्मृति चिन्ह भी भेंट किए गए। मुख्यमंत्री ने ‘प्रयास’ और ‘नालंदा परिसर’ जैसे नवाचारी शैक्षणिक प्रयासों की चर्चा करते हुए कहा कि सरकार प्रत्येक जिले में आधुनिक ग्रंथालय स्थापित कर रही है, ताकि विद्यार्थियों को अध्ययन के लिए एक प्रेरणादायक वातावरण मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रंथालय केवल अध्ययन का स्थल नहीं, बल्कि सफलता की नींव रखने का केंद्र भी है। उन्होंने जिला ग्रंथालय मुंगेली की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां से सैकड़ों युवाओं ने प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त की है, जो गौरव की बात है।
