अन्य ख़बरें

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय चौथे ’ग्लोबल रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर्स मीट एंड एक्सपो’ (री-इन्वेस्ट) में शामिल हुए

देश में 2030 तक 500 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी उत्पादन के लक्ष्य को पूरा करने में छत्तीसगढ़ का भी होगा महत्वपूर्ण योगदान : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुजरात के गांधीनगर में चौथे ग्लोबल रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर्स समिट एंड एक्सपो (री-इंवेस्ट-24) का शुभारंभ किया। इसमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भी हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ में क्लीन और ग्रीन एनर्जी (Clean and green energy) के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों को मंच से साझा किया।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी उत्पादन के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने में छत्तीसगढ़ राज्य का भी महत्वपूर्ण योगदान होगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सोलर एनर्जी, हायडल एनर्जी, बायोगैस से बिजली के उत्पादन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रदेश में बिजली की खपत 5500 मेगावाट है। प्रदेश में करीब 15 प्रतिशत बिजली का उत्पादन रिन्यूएबल एनर्जी के स्त्रोतों से किया जा रहा है। इसे आने वाले समय में 45 प्रतिशत तक बढ़ाने का हमारा लक्ष्य है।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से भिलाई के बीच चरौदा में रेलवे की जमीन पर सोलर प्लांट लगाया गया है। इस सोलर प्लांट से रायपुर और दुर्ग की लोकल ट्रेन चल रही हैं। इसी तरह बलरामपुर जिले के तातापानी में गर्म जल के प्राकृतिक कुंड हैं। यहां 100 किलो वाट का भूतापीय विद्युत संयंत्र लगाने का निर्णय लिया गया है। खेती-किसानी में भी सिंचाई के लिए सौर सिंचाई पंपों का उपयोग किया जा रहा है। क्रेडा द्वारा किसानों के खेतों में डेढ़ लाख से ज्यादा सोलर सिंचाई पंप स्थापित किए गए हैं। इसी तरह प्रदेश में सोलर पंप के माध्यम से 230 सौर सामुदायिक सिंचाई संचालित की जा रही हैं। प्रदेश में लगभग 25 हजार सोलर पेयजल पंप स्थापित किये जा चुके हैं। इनसे साढ़े छह लाख परिवारों को शुद्ध पेयजल मिल रहा है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में छोटे-छोटे लघु जल विद्युत संयंत्र भी स्थापित किए गए हैं, इनसे 75 मेगावाट ऊर्जा मिल रही है। प्रदेश में 37 लघु जल विद्युत परियोजनाओं की स्वीकृति दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने वर्ष 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है। इस दिशा में छत्तीसगढ़ भी प्रमुख भूमिका निभाएगा।

इस अवसर पर गुजरात के राज्यपाल आचार्य श्री देवव्रत, गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल, केन्द्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री प्रहलाद जोशी, आंध्रप्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश और गोवा के मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ के उर्जा विभाग के सचिव श्री पी. दयानंद एवं क्रेडा के सीईओ श्री राजेश सिंह राणा भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

इस कार्यक्रम में 40 से अधिक सत्र होंगे। री-इंवेस्ट-24 की थीम ‘मिशन 500 गीगावाट’ है। पहली बार यह कार्यक्रम राजधानी दिल्ली से बाहर हो रहा है।

चौथे ग्लोबल रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर्स समिट एंड एक्सपो (री-इंवेस्ट-24) में ये देश हुए शामिल

एक्सपो समिट में मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, गुजरात, तेलंगाना, राजस्थान, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश हिस्सा रहा हैं। वहीं इस साल प्रमुख अंतरराष्ट्रीय भागीदारों में ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, जर्मनी और नॉर्वे जैसे देश भी शामिल हैं। री-इन्वेस्ट समिट दुनिया को भारत की अक्षय ऊर्जा क्षमता को प्रदर्शित करने और बहुपक्षीय वार्ता शुरू करके क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button