Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube
    • Home
    • About Us
    • Contact Us
    • MP Info RSS Feed
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Aj Ki News
    • Home
    • देश
    • विदेश
    • राज्य
    • मध्यप्रदेश
      • मध्यप्रदेश जनसंपर्क
    • छत्तीसगढ़
      • छत्तीसगढ़ जनसंपर्क
    • राजनीती
    • धर्म
    • अन्य खबरें
      • मनोरंजन
      • खेल
      • तकनीकी
      • व्यापार
      • करियर
      • लाइफ स्टाइल
    Aj Ki News
    Home»राज्य»छत्तीसगढ़»हरित विकास और आर्थिक समृद्धि का छत्तीसगढ़ मॉडल
    छत्तीसगढ़

    हरित विकास और आर्थिक समृद्धि का छत्तीसगढ़ मॉडल

    खनिज संसाधनों का विवेकपूर्ण दोहन – आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था की दिशा में बड़ा कदम
    News DeskBy News DeskOctober 23, 2025No Comments5 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr WhatsApp Email Telegram Copy Link
    हरित विकास और आर्थिक समृद्धि का छत्तीसगढ़ मॉडल
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn WhatsApp Pinterest Email
    वन संरक्षण और खनन का संतुलन: विकास के साथ हरियाली का विस्तार
    खनिजों से चमक रही प्रदेश की अर्थव्यवस्था – खनिज राजस्व में 34 गुना की ऐतिहासिक वृद्धि

    रायपुर 23 अक्टूबर 2025

    छत्तीसगढ़ यह नाम अब केवल हरियाली और संस्कृति का पर्याय नहीं रहा, बल्कि भारत की खनिज राजधानी के रूप में भी अपनी पहचान बना चुका है। देश के कुल खनिज भंडार का बड़ा हिस्सा छत्तीसगढ़ की धरती में छिपा है। यही कारण है कि राज्य की अर्थव्यवस्था में खनिजों का योगदान लगातार बढ़ रहा है और प्रदेश की सकल घरेलू उत्पाद जीएसडीपी में खनिज क्षेत्र की हिस्सेदारी करीब 10 प्रतिशत तक पहुँच चुकी है। राज्य गठन के समय खनिज राजस्व 429 करोड़ रूपए था, जो अब बढ़कर 14 हजार 592 करोड़ हो गया है। 25 साल में राज्य का खनिज राजस्व में 34 गुना बढ़ गया है। वन एवं पर्यावरण संतुलन को बनाए रखते हुए छत्तीसगढ़ राज्य की यह उपलब्धि विशेष रूप से उल्लेखनीय है।

    यहां यह भी उल्लेखनीय है कि 1980 से अब तक वनसंरक्षण अधिनियम के तहत छत्तीसगढ़ राज्य में केवल 28 हजार 700 हेक्टेयर भूमि ही खनन के लिए दी गई है, जो कि राज्य के वन क्षेत्र 59.82 लाख हेक्टेयर का 0.47 प्रतिशत और राज्य के कुल भू-भाग 135 लाख हेक्टेयर का 0.21 प्रतिशत है। खनन क्षेत्र में कटाई के साथ 5 से 10 गुना वृक्षारोपण को अनिवार्य किए जाने से राज्य के वन क्षेत्र में 68 हजार 362 हेक्टेयर की वृद्धि हुई है, जो इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट के अनुसार देश में सर्वाधिक है।

    खनिज राजस्व से न केवल प्रदेश को आर्थिक संबल मिल रहा है, बल्कि हजारों युवाओं के लिए रोज़गार के नए अवसर भी खुल रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार खनिज संपदा के दोहन को पर्यावरणीय संतुलन और जनहित से जोड़कर “खनिज से विकास” की नई परिभाषा गढ़ रही है।

    छत्तीसगढ़ के प्रमुख खनिजों में से महत्वपूर्ण कोयला, ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत है। छत्तीसगढ़ देश का दूसरा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक राज्य है। राज्य में कोयले का भंडारण 74,192 मिलियन टन है, जो देश के कोयल भण्डार का लगभग 20.53 प्रतिशत है। कोयला उत्पादन में छत्तीसगढ़ राज्य की देश में 20.73 प्रतिशत हिस्सेदारी है। देश के कोयला उत्पादक राज्यों में छत्तीसगढ़ का दूसरा स्थान है। प्रदेश के कोयले का उपयोग ताप विद्युत संयंत्रों, सीमेंट, इस्पात और कोयला आधारित मध्यम व लघु उद्योगों में किया जा रहा है। ऊर्जा क्षेत्र की आत्मनिर्भरता में छत्तीसगढ़ का योगदान पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है।

    लौह अयस्क देश के इस्पात उद्योग की रीढ़ है, जो छत्तीसगढ़ में प्रचुर मात्रा में विद्यमान है। कबीरधाम से लेकर दल्लीराजहरा से होते हुए दंतेवाड़ा बैलाडीला तक फैली पर्वत श्रृंखलाओं में 4,592 मिलियन टन लौह अयस्क भंडार मौजूद है, जो राष्ट्रीय भंडार का 19.09 प्रतिशत है। राष्ट्रीय उत्पादन में छत्तीसगढ़ का योगदान 16.64 प्रतिशत है। एनएमडीसी की बैलाडीला खदानें (दंतेवाड़ा) और दल्ली-राजहरा खदानें (बालोद) देश के इस्पात उद्योगों की जीवनरेखा हैं। यहां से भिलाई इस्पात संयंत्र और देशभर के उद्योगों को उच्च गुणवत्ता वाला लौह अयस्क मिलता है। लौह अयस्क उत्पादन में छत्तीसगढ़ का देश में द्वितीय स्थान है।

    छत्तीसगढ़ में 992 मिलियन टन बाक्साइट भंडार है, जो देश का 20 प्रतिशत है। राष्ट्रीय उत्पादन में छत्तीसगढ़ का योगदान 4.3 प्रतिशत है। सरगुजा, बलरामपुर और कबीरधाम जिलों में हिन्डाल्को, वेदांता और सीएमडीसी जैसी कंपनियाँ सक्रिय हैं। बाक्साइट से निर्मित एल्युमिनियम ऊर्जा, निर्माण और रक्षा उद्योग के लिए अहम है।

    चूना पत्थर सीमेंट उद्योग का मेरुदंड है। राज्य में 13,211 मिलियन टन चूना पत्थर का भंडार है, जो देश के कुल भंडार का 5.8 प्रतिशत है। राष्ट्रीय उत्पादन में छत्तीसगढ़ का योगदान 11 प्रतिशत है। बलौदाबाजार, रायपुर, जांजगीर-चांपा और रायगढ़ जिलों में अल्ट्राटेक, एसीसी, अम्बुजा, श्री सीमेंट, ग्रासिम जैसे संयंत्र कार्यरत हैं। बलौदाबाजार को अब ‘सीमेंट हब’ कहा जाता है।

    देश का 100 प्रतिशत टिन उत्पादन छत्तीसगढ़ में होता है। सामरिक महत्व के टिन अयस्क का यहां 30 मिलियन टन का भंडार उपलब्ध है। दंतेवाड़ा और सुकमा में मिलने वाला यह खनिज इलेक्ट्रॉनिक्स और रक्षा उद्योग के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसे अनुसूचित जनजाति की सहकारी समितियों के माध्यम से क्रय करने का प्रावधान राज्य सरकार ने लागू किया है।

    राज्य में 992 मिलियन टन डोलोमाइट भंडार मौजूद है, जो राष्ट्रीय भंडार का 20 प्रतिशत है। मुख्यतः रायपुर, दुर्ग, बेमेतरा, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा और रायगढ़ जिलों में पाया जाता है। यह खनिज इस्पात उद्योग में फ्लक्स मटेरियल के रूप में उपयोगी है। गरियाबंद जिले के बेहराडीह और पायलीखंड क्षेत्रों में हीरा का प्रमाणित भंडार है। बलौदाबाजार जिले के सोनाखान क्षेत्र में 2780 किलोग्राम स्वर्ण भंडार के अतिरिक्त जशपुर, महासमुंद और कांकेर जिलों में भी स्वर्ण और हीरा खनिज की संभावनाएं पाई गई हैं।

    छत्तीसगढ़ में गौण खनिजों की भी बड़ी भूमिका है। राज्य में 37 प्रकार के गौण खनिज जैसे-रेत, मुरम, ईमारती पत्थर, साधारण मिट्टी, निम्न श्रेणी चूना पत्थर, डोलोमाइट और ग्रेनाइट की खुदाई लगभग हर जिले में होती है। रेत और मिट्टी का उपयोग सड़क, भवन और पुल निर्माण में व्यापक रूप से किया जा रहा है। गौण खनिजों से राज्य को स्थानीय राजस्व, रोजगार और पंचायत निधि का बड़ा हिस्सा प्राप्त होता है। जिला पंचायतों और नगर निकायों को इन खनिजों से प्रतिवर्ष सैकड़ों करोड़ रुपये का राजस्व मिलता है, जिससे ग्रामीण विकास कार्यों को गति मिलती है। खनिज विकास के साथ-साथ राज्य सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और खनन प्रभावित इलाकों के पुनर्वास पर विशेष ध्यान दिया है। डीएमएफ के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और सड़कों जैसी योजनाएँ संचालित की जा रही हैं।

    खनिज विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन का जो उदाहरण छत्तीसगढ़ ने प्रस्तुत किया है, वह आज पूरे देश के लिए एक सस्टेनेबल ग्रोथ मॉडल बन गया है। यहां विकास और हरियाली विरोधी नहीं, बल्कि पूरक हैं।

    मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ने यह सिद्ध कर दिया है कि यदि नीति में दूरदृष्टि और क्रियान्वयन में संवेदनशीलता हो, तो खनिज संपदा केवल भूमि की गहराई में नहीं, बल्कि जनजीवन की समृद्धि में भी झलक सकती है।

    मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय
    News Desk

    Related Posts

    मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने जशपुर जिले के फरसाबहार में 40.89 करोड़ के 13 कार्यों का किया लोकार्पण एवं भूमिपूजन

    October 29, 2025

    जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र अब पूरी तरह ऑनलाइन

    October 29, 2025

    राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े होंगी मुख्य अतिथि

    October 29, 2025

    पीएम श्री विद्यालय बनने के बाद विद्यालय में आए सकारात्मक परिवर्तन

    October 28, 2025

    जल जीवन मिशन: हर घर नल, हर घर जल योजना से लावाहोरी की लीलावती जीवन हुई आसान

    October 28, 2025

    मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के प्रयासों से ग्रामीणों की मांग हुई पूरी

    October 28, 2025
    Advertisement Carousel
    × Popup Image
    विज्ञापन
    हमसे जुड़ें
    • Facebook
    • Twitter
    • Pinterest
    • Instagram
    • YouTube
    • Vimeo
    अन्य ख़बरें

    मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने जशपुर जिले के फरसाबहार में 40.89 करोड़ के 13 कार्यों का किया लोकार्पण एवं भूमिपूजन

    October 29, 2025

    जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र अब पूरी तरह ऑनलाइन

    October 29, 2025

    राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े होंगी मुख्य अतिथि

    October 29, 2025

    पीएम श्री विद्यालय बनने के बाद विद्यालय में आए सकारात्मक परिवर्तन

    October 28, 2025
    हमारे बारे में

    यह एक हिंदी वेब न्यूज़ पोर्टल है जिसमें ब्रेकिंग न्यूज़ के अलावा राजनीति, प्रशासन, ट्रेंडिंग न्यूज, बॉलीवुड, खेल जगत, लाइफस्टाइल, बिजनेस, सेहत, ब्यूटी, रोजगार तथा टेक्नोलॉजी से संबंधित खबरें पोस्ट की जाती है।

    Disclaimer - समाचार से सम्बंधित किसी भी तरह के विवाद के लिए साइट के कुछ तत्वों में उपयोगकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत सामग्री ( समाचार / फोटो / विडियो आदि ) शामिल होगी स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक इस तरह के सामग्रियों के लिए कोई ज़िम्मेदार नहीं स्वीकार करता है। न्यूज़ पोर्टल में प्रकाशित ऐसी सामग्री के लिए संवाददाता / खबर देने वाला स्वयं जिम्मेदार होगा, स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी. सभी विवादों का न्यायक्षेत्र रायपुर होगा

    हमसे सम्पर्क करें
    Ajkinews Office
    Ajkinews Office
    Chief Editor :- Asha Nirmal
    For Advertising Call :- 7489887346
    WhatsApp :- 9753054476
    Email ID :- [[email protected]]
    Address :-
    Shop No 12, Mathpara Pujari Vatika, New Bus Stand Road, Raipur-492001, Raipur, Chhattisgarh

    October 2025
    M T W T F S S
     12345
    6789101112
    13141516171819
    20212223242526
    2728293031  
    « Sep    
    Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
    • Home
    • About Us
    • Contact Us
    • MP Info RSS Feed
    © 2025 ThemeSphere. Designed by ThemeSphere.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.