Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube
    • Home
    • About Us
    • Contact Us
    • MP Info RSS Feed
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Aj Ki News
    • Home
    • देश
    • विदेश
    • राज्य
    • मध्यप्रदेश
      • मध्यप्रदेश जनसंपर्क
    • छत्तीसगढ़
      • छत्तीसगढ़ जनसंपर्क
    • राजनीती
    • धर्म
    • अन्य खबरें
      • मनोरंजन
      • खेल
      • तकनीकी
      • व्यापार
      • करियर
      • लाइफ स्टाइल
    Aj Ki News
    Home»राज्य»छत्तीसगढ़»राज्य सरकार पर्यटन और ऐतिहासिक महत्व के स्थलों को चिन्हांकित कर पर्यटन स्थल के रूप में कर रहे हैं विकसित
    छत्तीसगढ़

    राज्य सरकार पर्यटन और ऐतिहासिक महत्व के स्थलों को चिन्हांकित कर पर्यटन स्थल के रूप में कर रहे हैं विकसित

    News DeskBy News DeskJanuary 3, 2025No Comments4 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr WhatsApp Email Telegram Copy Link
    राज्य सरकार पर्यटन और ऐतिहासिक महत्व के स्थलों को चिन्हांकित कर पर्यटन स्थल के रूप में कर रहे हैं विकसित
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn WhatsApp Pinterest Email

    रायपुर :  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार पर्यटन और ऐतिहासिक, धार्मिक व पौराणिक महत्व के स्थलों को चिन्हांकित कर धार्मिक एवं पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर रहा है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के अंतर्गत पर्यटन और रोमांच से भरपूर सरायपाली स्थित शिशुपाल पर्वत नए पर्यटन डेस्टिनेशन के रूप में उभर कर सामने आया है। इस पर्वत का ऐतिहासिक, धार्मिक और पौराणिक महत्व भी है। मकर संक्रांति और महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां विशाल मेला का आयोजन भी होता है।
    महासमुंद जिले के सरायपाली स्थित शिशुपाल पर्वत ट्रैकिंग और एडवेंचर के शौकीन युवाओं के लिए एक शानदान डेस्टिनेशन है। यह स्थान अपनी अद्वितीय प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक महत्त्व के लिए जाना जाता है। राजधानी रायपुर से 157 किमी और सरायपाली से लगभग 20 किमी की दूरी पर स्थित यह पर्वत पर्यटकों को प्रकृति के करीब लाने का एक शानदार अवसर प्रदान करता है।
    शिशुपाल पर्वत (बूढ़ा डोंगर) समुद्र तल से 900 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां तक पहुंचने के लिए रोमांचक ट्रैकिंग मार्ग है, जो रोमांचक ट्रैकिंग का नया अनुभव कराता है। यह पर्यटन स्थल साहसिक गतिविधियों के प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। ट्रैकिंग मार्ग घने जंगलों, चट्टानों और प्राकृतिक पगडंडियों से होकर गुजरता है। पहाड़ के ऊपर एक विशाल मैदान है, जहां से वर्षा ऋतु के दौरान पानी 1100 फीट नीचे गिरकर घोड़ाधार जलप्रपात का निर्माण करता है। यह झरना और उसके चारों ओर हरियाली एक अद्वितीय दृश्य प्रस्तुत करता है। पर्यटन की बढ़ती संभावनाओं को देखते हुए, दो साल पहले पर्यटन मंडल ने इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की पहल की। यहां पहुंचने वाले सैलानियों के लिए आधारभूत सुविधाओं का निर्माण किया गया, जिससे उनकी यात्रा सुखद और आरामदायक हो सके।
    शिशुपाल पर्वत की प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण इसे एक आदर्श पर्यटन स्थल के रूप में अपनी पहचान बना रही हैं। यहां का वातावरण, झरने की आवाज, ठंडी हवा एवं प्राकृतिक सुंदरता व शांति का संगम पर्यटकों को मानसिक शांति और सुकून का अनुभव कराती है। यह स्थान फोटोग्राफी और प्रकृति के अद्भुत दृश्यों के लिए भी प्रसिद्ध है। शिशुपाल पर्वत न केवल रोमांचक ट्रैकिंग स्थल है, बल्कि इतिहास और प्रकृति का अद्भुत संगम भी है। यह स्थान ट्रैकिंग, फोटोग्राफी और प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लेने के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। यदि आप प्राकृतिक सुंदरता, रोमांच और इतिहास का अनुभव करना चाहते हैं, तो शिशुपाल पर्वत आपकी सूची में होना चाहिए। अपनी ऐतिहासिक महत्व और प्राकृतिक आकर्षण के साथ, शिशुपाल पर्वत आज के दौर में पर्यटन का नया केंद्र बनता जा रहा है।
    शिशुपाल पर्वत पर्यटन स्थल में हर वर्ष मकर संक्रांति और महाशिवरात्रि के अवसर पर भारी संख्या में भक्त दर्शन और पूजन के लिए आते हैं। इस दौरान मंदिर के आसपास भव्य मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें लोग धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ मेले की चहल-पहल का आनंद लेते हैं। मकर संक्रांति पर लगने वाला यह मेला इतिहास और प्राकृतिक सौंदर्य का संगम है। धार्मिक आस्था, ऐतिहासिकता, साहसिक पर्यटन का अद्भुत अनुभव इसे एक संपूर्ण पर्यटन स्थल बनाता है। यह मेला न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि दूर-दूर से आने वाले पर्यटकों के लिए भी विशेष आकर्षण का केंद्र है। यहां रोजगार के नए अवसर भी सृजित हो रहा है।
    शिशुपाल पर्वत का ऐतिहासिक और पौराणिक महत्त्व है। इसे लेकर स्थानीय नागरिकों का कहना है कि शिशुपाल पर्वत (बूढ़ा डोंगर) का नाम स्थानीय लोककथाओं से जुड़ा हुआ है। इस संदर्भ में किंवदंती है कि इस पहाड़ पर कभी राजा शिशुपाल का महल हुआ करता था। यहां का गौरवशाली इतिहास रहा है पर्वत के उपर ही अभेद्य दुर्ग, सुरंग एवं शिवमंदिर का निर्माण किया गया है, जिसका भग्नावशेष आज भी अतीत की गौरवगाथा सुनाती है। जब अंग्रेजों ने राजा को घेर लिया, तो उन्होंने वीरता का प्रदर्शन करते हुए अपने घोड़े की आंखों पर पट्टी बांधकर पहाड़ से छलांग लगा दी। इस घटना के कारण इस पर्वत का नाम शिशुपाल पर्वत और यहां स्थित झरने का नाम घोड़ाधार जलप्रपात पड़ा। यह बारहमासी झरना अत्यधिक ऊँचाई से गिरने के कारण अद्भुत सौंदर्य का अप्रतिम उदाहरण है।
    इस क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किए जाने की पहल शासन द्वारा विश्ेाष प्रयास किए जा रहे हैं। पिछले दिनों वन विभाग द्वारा पर्यटन और रोजगार की संभावनाओं को देखते हुए स्थल का निरीक्षण किया गया। चूंकि आसपास के क्षेत्र में बंसोड़ जाति बहुतायत संख्या में पाए जाते हैं, जो बांस की कलाकृति बनाते हैं। उन्हें भी रोजगार से जोड़ा जा सके। साथ ही एक पर्यटन परिपथ के रूप में भी विकसित किया जाए। विशेषज्ञों का कहना है कि यहां से चंद्रहासिनी देवी मंदिर, गोमर्डा अभ्यारण, सिंघोड़ा मंदिर, देवदरहा जलप्रपात एवं पर्यटन स्थल नरसिंहनाथ को जोड़ा जा सकता है।

    News Desk

    Related Posts

    मनेंद्रगढ़, जशपुर समेत छत्तीसगढ़ में 6 नए फिजियोथेरेपी महाविद्यालयों के निर्माण को मिली प्रशासकीय स्वीकृति

    September 15, 2025

    रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से हार्टफुलनेस संस्थान के डायरेक्टर श्री चावला ने की सौजन्य भेंट

    September 15, 2025

    रायपुर : युद्ध तथा सैनिक कार्यवाही में शहीद सैनिकों के आश्रितों को मिलेगी 50 लाख की अनुग्रह राशि

    September 15, 2025

    रायपुर : दूरदर्शन ने समाज को वैचारिक रूप से समृद्ध करने और संस्कारों को संवारने में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

    September 15, 2025

    रायपुर : मुख्यमंत्री श्री साय से ग्रैंडमास्टर प्रवीण महादेव थिप्से ने की सौजन्य भेंट

    September 15, 2025

    रायपुर : वंचित वर्ग के उत्थान और जनसुविधाओं के विस्तार के लिए सरकार निरंतर प्रतिबद्ध – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

    September 15, 2025
    Advertisement Carousel
    × Popup Image
    विज्ञापन
    हमसे जुड़ें
    • Facebook
    • Twitter
    • Pinterest
    • Instagram
    • YouTube
    • Vimeo
    अन्य ख़बरें

    मनेंद्रगढ़, जशपुर समेत छत्तीसगढ़ में 6 नए फिजियोथेरेपी महाविद्यालयों के निर्माण को मिली प्रशासकीय स्वीकृति

    September 15, 2025

    रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से हार्टफुलनेस संस्थान के डायरेक्टर श्री चावला ने की सौजन्य भेंट

    September 15, 2025

    रायपुर : युद्ध तथा सैनिक कार्यवाही में शहीद सैनिकों के आश्रितों को मिलेगी 50 लाख की अनुग्रह राशि

    September 15, 2025

    रायपुर : दूरदर्शन ने समाज को वैचारिक रूप से समृद्ध करने और संस्कारों को संवारने में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

    September 15, 2025
    हमारे बारे में

    यह एक हिंदी वेब न्यूज़ पोर्टल है जिसमें ब्रेकिंग न्यूज़ के अलावा राजनीति, प्रशासन, ट्रेंडिंग न्यूज, बॉलीवुड, खेल जगत, लाइफस्टाइल, बिजनेस, सेहत, ब्यूटी, रोजगार तथा टेक्नोलॉजी से संबंधित खबरें पोस्ट की जाती है।

    Disclaimer - समाचार से सम्बंधित किसी भी तरह के विवाद के लिए साइट के कुछ तत्वों में उपयोगकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत सामग्री ( समाचार / फोटो / विडियो आदि ) शामिल होगी स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक इस तरह के सामग्रियों के लिए कोई ज़िम्मेदार नहीं स्वीकार करता है। न्यूज़ पोर्टल में प्रकाशित ऐसी सामग्री के लिए संवाददाता / खबर देने वाला स्वयं जिम्मेदार होगा, स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी. सभी विवादों का न्यायक्षेत्र रायपुर होगा

    हमसे सम्पर्क करें
    Ajkinews Office
    Ajkinews Office
    Chief Editor :- Asha Nirmal
    For Advertising Call :- 7489887346
    WhatsApp :- 9753054476
    Email ID :- [[email protected]]
    Address :-
    Shop No 12, Mathpara Pujari Vatika, New Bus Stand Road, Raipur-492001, Raipur, Chhattisgarh

    September 2025
    M T W T F S S
    1234567
    891011121314
    15161718192021
    22232425262728
    2930  
    « Aug    
    Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
    • Home
    • About Us
    • Contact Us
    • MP Info RSS Feed
    © 2025 ThemeSphere. Designed by ThemeSphere.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.