रायपुर : पावर टिलर बन रहा है बदलाव का आधार

75 प्रगतिशील किसानों और महिला स्व-सहायता समूहों को पावर टिलरों का वितरण
रायपुर, 19 जुलाई 2025
छत्तीसगढ़ का दंतेवाड़ा जिला अब जैविक खेती के साथ-साथ आधुनिक खेती के उपकरण को अपनाने के लिए भी तेजी से आगे आ रहा है। जिला प्रशासन ने हाल ही में यहां के 75 प्रगतिशील किसानों और महिला स्व-सहायता समूहों को पावर टिलरों का वितरण किया है।
सबसे बड़ी बात है कि इन आधुनिक खेती के उपकरणों का उपयोग व्यक्तिगत खेती में ही नहीं किया जा रहा है, बल्कि महिला स्व-सहायता समूह के माध्यम से इनके सामूहिक उपयोग मॉडल पर भी जोर दिया गया है, जिससे गांव के अन्य किसान भी इसका लाभ उठा सकें।
पावर टिलर के माध्यम से किसान खेतों की गहरी जुताई करने के साथ-साथ मिट्टी को बारीक करने और जैविक खादों को समरस रूप से मिलाने में कर रहे हैं। जहां पहले पारंपरिक हल से खेत की जुताई में दो से तीन दिन लगते थे, वहीं अब यह काम कुछ ही घंटों में पूरा हो रहा है। पावर टिलर का आकार छोटा और संचालन सरल होने के कारण यह छोटे जोत के किसानों के लिए भी उपयुक्त है।
ग्राम हीरानार के किसान लूदरुराम और ग्राम कासौली के सुरेश नाग बताते हैं कि पावर टिलर के उपयोग से खेती करना अब पहले से ज्यादा आसान हो गया है। समय की बचत हो रही है। उत्पादन में भी सुधार देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि यह मल्टीपरपज मशीन न केवल जुताई के काम आती है, बल्कि मिट्टी पलटने, कतार बनाने, निंदाई-गुड़ाई, खाद मिलाने और ट्रॉली से परिवहन जैसे कार्यों में भी सहायक है। इससे श्रम लागत में कमी आई है और जैविक खेती भी टिकाऊ और लाभदायक बना है। विशेषकर युवा किसान भी अब आधुनिक कृषि तकनीकों की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
बस्तर अंचल का दंतेवाड़ा जिला अब अपनी समृद्ध प्राकृतिक संपदा, उपजाऊ मिट्टी और अनुकूल जलवायु के साथ-साथ जैविक खेती की दिशा की ओर अग्रसर हो चुका है।
